मंगलवार, 26 जून 2012

भ्रम और विश्वास

" तुम इतने समझदार हो फिर भी नशा करते हो !! ये तुम्हें शोभा नहीं देता है ! "
" तुम नहीं समझोगे .... नशे में मुझे जगदीश्वर दीखते हैं ."
" क्या मूर्खों सी बात कर रहे हो !! ..... नशे में जगदीश्वर नहीं दीखते है ... भ्रम आवश्य होता है ."
" तुम क्या कहना चाहते हो !? .... जगदीश्वर एक भ्रम हैं ? "
" मैंने कहा  कि नशे में भ्रम होता है . मानो  इस बात को . "
" चलो माना ......  किन्तु भ्रम पर विश्वास करने का कोई और तरीका है तुम्हारे पास ? "
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